Nov 21, 2009

सामना करो ।

एक बार स्वामी विवेकानंद काशी में किसी जगह जा रहे थे । उस स्थान पर बहुत से बंदर रहते थे, जो आने-जाने वालों को अकारण ही तंग करने में बडे विख्यात थे । उनके साथ उन्होंने वही किया । स्वामी जी का रास्ते से गुजरना अच्छा न लगा । वे चिल्लाकर उनकी ओर दौडे और पैरों में काटने लगे । उनसे छूटकारा पाना असंभव प्रतीत हुआ । वे तेजी से भागे, पर वे जितना भागते, बंदर भी उतना दौडते और काटते । तभी एक अपरिचित स्वर सुनाई दिया,”भागो मत । सामना करो ।” बस वे खडे हो गए और बंदरों को ऐसी जोर की डांट लगाई कि एक घुडकी में ही बंदर भाग खडे हुए । जीवन में जो कुछ भयानक है, उसका हमें साहसपूर्वक सामना करना पडेगा । परिस्थितियों से भागना कायरता है, कायर पुरूष कभी विजयी नहीं होगा । भय, कष्ट और अज्ञान का जब हम सामना करने को तैयार होंगे, तभी वे हमारे सामने से भागेंगे

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