लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, | |||
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. | |||
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है, | |||
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है. | |||
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है, | |||
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है. | |||
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती, | |||
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. | |||
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है, | |||
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है. | |||
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में, | |||
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में. | |||
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती, | |||
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. | |||
असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो, | |||
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो. | |||
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम, | |||
संघर्श का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम. | |||
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती | |||
हर चीज़ की एक कल्पना होती है | किसी भी चीज़ की कल्पना करने से अपनी आत्मा उसका आधा समाधान कर देती है | भगवान ने भी दुनिया बनाने ने से पहले उसकी कल्पना की होगी | विज्ञानं भी कल्पना नाम के एक शब्द पे टिका हुआ है |
Nov 13, 2009
कोशिश
जिदंगी
क्या कहूं जिदंगी भी क्या चीज़ होती है... | ||
पल में खूबसुरत तो पल में बदरंग होती है.. | ||
क्या कहूं जिदंगी भी क्या चीज़ होती है.. | ||
कभी मासुम तो कभी होश उड़ा देती है.. | ||
क्या कहूं कि जिदंगी भी क्या चीज़ होती है.. | ||
कभी बहुत कुछ दे देती है...तो कभी सब कुछ ले लेती है... | ||
क्या कहूं जिदगी भी क्या चीज़ होती है.. |
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