



हर चीज़ की एक कल्पना होती है | किसी भी चीज़ की कल्पना करने से अपनी आत्मा उसका आधा समाधान कर देती है | भगवान ने भी दुनिया बनाने ने से पहले उसकी कल्पना की होगी | विज्ञानं भी कल्पना नाम के एक शब्द पे टिका हुआ है |
| र्सिफ रिश्तों के बंधन को विश्वास नही कहते, | |||
| हर आसु को जजबात नही कहते। | |||
| किस्मत से मिलते है दोस्त जिन्दगी में, | |||
| इसलिए दोस्त को कभी इत्फाक नहीं कहते।। | |||
| दिल-2 से जुदा नहीं होता वह, | |||
| वह यु हि किसी पे फिदा नही होता। | |||
| प्यार से बड़ा दोस्ती का रिश्ता होता है, | |||
| क्योकि दोस्त कभी बेवफा नहीं होता। | |||
| आप दूर रहकर भी याद आते रहोंगे, | |||
| ये दोस्ती हम सदा निभाते रहेगे। | |||
| न जाऐगे आप यादों के दरवाजे से बाहर, | |||
| आपको भी याद अपनी दिलाते रहेगें। | |||
| कोई कहता है प्यार का नसा बन जाता है, | |||
| काई कहता है प्यार सजा बन जाता है। | |||
| पर प्यार करो सच्चे दिल से, | |||
| क्योकि प्यार जिने की बजय बन जाती है। | |||