हर चीज़ की एक कल्पना होती है | किसी भी चीज़ की कल्पना करने से अपनी आत्मा उसका आधा समाधान कर देती है | भगवान ने भी दुनिया बनाने ने से पहले उसकी कल्पना की होगी | विज्ञानं भी कल्पना नाम के एक शब्द पे टिका हुआ है |
Nov 17, 2009
दो लब्ज
र्सिफ रिश्तों के बंधन को विश्वास नही कहते, | |||
हर आसु को जजबात नही कहते। | |||
किस्मत से मिलते है दोस्त जिन्दगी में, | |||
इसलिए दोस्त को कभी इत्फाक नहीं कहते।। | |||
दिल-2 से जुदा नहीं होता वह, | |||
वह यु हि किसी पे फिदा नही होता। | |||
प्यार से बड़ा दोस्ती का रिश्ता होता है, | |||
क्योकि दोस्त कभी बेवफा नहीं होता। | |||
आप दूर रहकर भी याद आते रहोंगे, | |||
ये दोस्ती हम सदा निभाते रहेगे। | |||
न जाऐगे आप यादों के दरवाजे से बाहर, | |||
आपको भी याद अपनी दिलाते रहेगें। | |||
कोई कहता है प्यार का नसा बन जाता है, | |||
काई कहता है प्यार सजा बन जाता है। | |||
पर प्यार करो सच्चे दिल से, | |||
क्योकि प्यार जिने की बजय बन जाती है। | |||
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