हर चीज़ की एक कल्पना होती है | किसी भी चीज़ की कल्पना करने से अपनी आत्मा उसका आधा समाधान कर देती है |
भगवान ने भी दुनिया बनाने ने से पहले उसकी कल्पना की होगी | विज्ञानं भी कल्पना नाम के एक शब्द पे टिका हुआ है |
Nov 16, 2009
सुविचार
लगातार गल्तियों का मतलब सफलता के करीब भी जाना होता है, यदि गल्तियां होश में की जायें। इसलिए गल्तियों से सबक लीजिए, उससे घबराइए नहीं।
दुनिया में कोई चीज बेकार नहीं होती, बेकार से बेकार समझी जाने वाली वस्तु की भी कहीं न कहीं बड़ी और मजबूत अहमियत होती है।
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