क्या कहूं जिदंगी भी क्या चीज़ होती है... | ||
पल में खूबसुरत तो पल में बदरंग होती है.. | ||
क्या कहूं जिदंगी भी क्या चीज़ होती है.. | ||
कभी मासुम तो कभी होश उड़ा देती है.. | ||
क्या कहूं कि जिदंगी भी क्या चीज़ होती है.. | ||
कभी बहुत कुछ दे देती है...तो कभी सब कुछ ले लेती है... | ||
क्या कहूं जिदगी भी क्या चीज़ होती है.. |
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