नमस्कार हिंदी ब्लोगरो के ब्लॉग पढ़ करके ब्लॉग लिखने की तिर्व ईशा को मैं रोक नहीं पाया और कूद पड़ा हिंद महासागर में | |
कुर्प्या कोई गलती हो तो नासमझ जानकर माफ़ करना | गलती जानकर गलती का सुझाव नहीं देना भी एक गलती है | गुजरती में एक कहावत है की मानस मात्र भूल नो पात्र | मनुष्य गलतियों का पुतला है गलती करके उसका सुधार भी करने की कला एक मनुष्य नाम के पाणी में ही और कोई एशा पाणी नहीं है जो गलती करके उसको सुधार सके | कुर्प्या अपना सुझाव जरुर दे | |
हर चीज़ की एक कल्पना होती है | किसी भी चीज़ की कल्पना करने से अपनी आत्मा उसका आधा समाधान कर देती है | भगवान ने भी दुनिया बनाने ने से पहले उसकी कल्पना की होगी | विज्ञानं भी कल्पना नाम के एक शब्द पे टिका हुआ है |
Nov 12, 2009
सुभारम
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